बैंकों का लोन होगा और सुरक्षित, न्यायालय के इस कदम से घटेगा जोखिम
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की वैधता को बनाये रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वाले लंबे समय तक नहीं बच सकते.
बैंक का कर्ज न चुकाने वालों की बढ़ेगी मुश्किल (फाइल फोटो)
बैंक का कर्ज न चुकाने वालों की बढ़ेगी मुश्किल (फाइल फोटो)
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की वैधता को बनाये रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वाले लंबे समय तक नहीं बच सकते.
डिफॉल्टर प्रवर्तकों को बोली लगाने से रोकने का प्रावधान नैतिक
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टर प्रवर्तकों को बोली लगाने से रोकने का प्रावधान नैतिक और उचित दोनों है. ऐसा नहीं होगा तो डिफॉल्टर प्रवर्तकों का कंपनी पर नियंत्रण बना रहेगा और सिर्फ बैंक को नुकसान उठाना पड़ेगा.’’
बैंक डिफॉल्टरों की बढ़ेगी मुश्किल
उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले दिन में आईबीसी संहिता की संवैधानिक वैधता बरकरार रखते हुए कहा कि डिफॉल्टरों का आनंदलोक अब नहीं खत्म हो चुका है और अर्थव्यवस्था की यथोचित स्थिति पुन: हासिल कर ली गयी है.
The Supreme Court judgment upholding the validity of the IBC is a welcome decision. The Bank defaulters cannot get away for long.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 25, 2019
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आईबीसी कानून की धारा 29ए को लेकर उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी समाधान आवेदक का उसकी समाधान योजना को मंजूर किये जाने अथवा उस पर विचार किये जाने का कोई निहित अधिकार नहीं है.
02:10 PM IST